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कुशीनगर (उ०प्र०)
पकड़ियार क्षेत्र के पचफेड़ा गांव के खानुछपरा टोला में सोलह गुंबद व पांच मीनारों वाले 120 फुट ऊंचा ताजिया क्षेत्र में आकर्षण का केन्द्र बना हुवा है। जिसे देखने के लिए करीब एक हप्ते से भारी भीड़ उमड़ रही है। जनसहयोग और लाखो रुपये की लागत से पांच कारीगरों के द्वारा बनने वाले इस विशाल ताजिये के निर्माण में लगभग आठ माह का समय लगा है।
नेबुआ नौरंगिया थानाक्षेत्र के पचफेड़ा, खानुछपरा गांव में निर्माणाधीन इस ताजिये में मदीना, कावा, कर्बला और देवा शरीफ की शक्ल में बनाने वाले 5 कारीगरों में हिन्दू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग है। कारीगरो में रामजीत साहनी, अहमद, मोतिम के अलावा अन्य सहायक कारीगरों ने बताया कि 120 फुट ऊंचा, 60 फुट लम्बा व 50 फुट चौड़े इस विशाल ताजिये में कुल 16 गुंबद व छह मीनारें बनकर तैयार हैं। जो अलग अलग खंडों में हैं और जिसे जल्दी ही आपस मे जोड़कर मुहर्रम के पूर्व उसको मूर्तरूप दे दिया जायेगा।
अब तक निर्माणाधीन जनपद के विशालतम ताजिये में से एक इस ताजिये के निर्माण में 2900 सौ बांस, 60 रिम कागज, डेढ़ कुंटल कांटी व तार और 70 किलो ग्राम धागा प्रयुक्त हो चुका है।
प्रियदर्शी राही मेमोरियल चैरिटेबुल ट्रस्ट और जनसहयोग से बनने वाला इस ताजिये के संरक्षक और स्थानीय गांव निवासी और युवा समाजसेवी सुरेन्द साहनी ने बताया कि ताजिये परिसर के इर्द गिर्द विशाल मेले का भी आयोजन किया गया है। जिसमे करीब पंद्रह दिनों पूर्व से ही दूर दराज के क्षेत्रों से दुकानदार, झूले और खेल तमाशे वाले आकर अपना डेरा डाले हुवे है।
एक हिन्दू समाजसेवी के द्वारा बनवाया जा रहा यह ताजिया क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुवा है।
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