किसानो का कहना है कि यही हाल रहा तो पैदावार पर भी पड़ेगा इसका असर
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कुशीनगर (उ०प्र०)
खड्डा तहसील व नेबुआ नौरंगिया क्षेत्र में अच्छी बारिश न होने से किसानों की परेशानी बढ़ गई है। मई और जून महीने में एक बार भी झमाझम बारिश नहीं हुई है और नहरो में पानी भी नही है। इससे किसानों को सिंचाई के लिए डीजल इंजन पर निर्भर रहना पड़ रहा है। हालांकि मौसम विभाग के अनुसार आने वाले कुछ दिनों में बारिश की संभावना बनी हुई है।
सबसे अधिक परेशानी धान उत्पादक किसानों को हो रही है। समय से नहरो में पानी नही आने के कारण किसानों ने पम्पिंगसेट से नर्सरी में धान की पौध तो तैयार कर ली है। लेकिन भीषण गर्मी और झमाझम बारिश के अभाव में रोपाई करने से कतरा रहे है। जिन किसानों के पास व्यक्तिगत सिंचाई के साधन है या नहर का पानी उपलब्ध है। वो भी बेरुखी मौसम को देखते हुवे अभी धान की पौध को खेतों मे रोपाई करने से परहेज कर रहे है। तेज धूप के कारण धान की बेहन की फसल भी पानी के अभाव में पीली पड़ती जा रही है। किसानों का कहना है कि इसका सीधा प्रभाव उत्पादन पर पड़ेगा।
जानकारों का कहना है कि समय से नहरो में पानी का न आना और मानसूनी बरसात न होने के कारण धान की फसल की बुवाई में करीब दो सप्ताह का विलंब हो सकता है। कारण यह है कि देरी से बुवाई करने पर निचले स्तर के खेतों की फसल बरसात के पानी मे डूबकर बर्बाद हो जाते है। जिसके कारण किसानों की लागत व जमापूंजी का काफी नुकसान होता है।
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