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कुशीनगर (उ०प्र०)
उत्तर प्रदेश में हालहि में निकाय चुनाव संपन्न हुए और प्रत्याशियों ने शपथ ली कि वे अपने क्षेत्रों में काम करेंगे, साफ, सुथरा और स्वच्छ रखेंगे लेकिन ऐसा दिख नहीं रहा है। जबकि प्रदेश में स्वच्छता अभियान जोर शोर से चल रहा है और सरकार आमजन से स्वच्छता को बढ़ाने के लिए लोगों को जागरूक करने की गरज से करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा रही है।
उल्लेखनीय है कि लगातार दो दिन की हल्की सी बारिश ने शहर से लेकर गांव तक की जलनिकासी की पोल खोलकर रख दी है। जबकि मानसून की दस्तक नजदीक है लेकिन गलियों और बड़े-बड़े नालों की सफाई सिर्फ कागज पर ही दिखाई दे रही है। अभी हाल की बारिश ने नागरिक निकायों की पोल खोल कर रख दी है। जगह जगह पानी इसलिए इकट्ठा हो रहा है कि नालियां बंद हैं, सीवर प्लास्टिक और कूड़ा-कर्कट से भरे हुए हैं। बहने वाले नालियों में देखने में आया कि यहां के पूरे नाले ही जलकुंभियों और कूड़ा-कर्कट आदि से भरे पड़े हुए है।
ऐसा लगता है कि नगरपालिका व नगरपंचायत व संबंधित विभाग गहरी निद्रा में सो रहे हैं। इसके लिए जनप्रतिनिधियों को खुद भी जागना होगा और युद्धस्तर पर सभी विभागों को भी जगाना होगा। स्वच्छता और नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं देना सभी सरकारों का मूलमंत्र होना चाहिए।
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