News Agency (उ०प्र०)
कहते हैं कि जहाँ भी धुंआ होता है वहां आग जरूर लगी होती है। अतः युहीं बेवजह कोई बदनाम नही है कुछ काम भी ऐसे ही है जिनसे बदनामी होती हैं और लोगो को मजा भी आता हैं लेकिन गलत तो गलत ही कहा जायेगा और जब पकड़े जाओगे तो बदनाम तो होंगे ही। मसाज और स्पा सेंटर के लिए स्पष्ट नियम-कानून न होने से जिस्मफरोशी का गंदा कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है जबकि पुलिस से बचने के लिए मसाज और स्पा सेंटर का लाइसेंस होने का दावा करते हैं।
अगर सूत्रों की माने तो आयुर्वेद विभाग केवल पंचकर्म थेरेपी के लिए सेंटर खोलने का लाइसेंस देता है। स्पा व मसाज सेंटर्स की आड़ में चल रहे इस गंदे कारोबार पर पुलिस की खामोशी भी गंभीर सवाल खड़े करती है। बड़े व छोटे शहरो में चलने वाले मसाज और स्पा सेंटर में काम करने वाली युवतियां ज्यादातर दूसरे जिले या प्रदेशों की होती हैं। इन सेंट्रो में थेरेपी देने को नौकरी कर रहीं युवतियों के पास कोई योग्यता संबंधी सर्टिफिकेट भी नहीं होता हैं। बस स्पा सेंटर के नाम पर खुलेआम देह व्यापार का खेल चलता है।
सूत्रों के मुताबिक इन सेंटरों के बारे में इलाके की पुलिस को पूरी जानकारी रहती है। मगर वह इन पर हाथ डालने की जरूरत नहीं समझती। सूत्रों की माने तो एक हजार से लेकर पांच हजार में डील होती हैं। स्पा सेंटरों में एक हजार से पांच हजार रुपये में फुल मसाज के नाम पर अवैध देह व्यापार किया जाता हैं। काउंटर पर पहुंचते ही रुपये जमा करा लिए जाते हैं, इसके बाद केबिन में युवतियों के साथ भेजा जाता है। राज्यों के बड़े व छोटे शहरो में अलग अलग इलाके में चल रहे स्पा व मसाज सेंटर किराए के मकान और बिल्डिंग में संचालित होते हैं, किराए पर हॉल लेकर केवल कुछ केबिन बनवाये जाते हैं और देह व्यापार का धंधा शुरू हो जाता। ऐसे मामलों में ज्यादातर देखने मे आता हैं कि स्पा सेंटर में कार्रवाई के लिए पुलिस कई कारणों से बचती है। पहला स्पा सेंटर में कई हाई प्रोफाइल कस्टमर होने के साथ वह प्रोफेशनल तरीके से काम करते हैं।
कई बार पुलिस को मजबूत एविडेंस नहीं मिल पाते हैं। एविडेंस को कोर्ट में मजूबत साक्ष्य के रूप में प्रूफ नहीं करने के चलते केस स्टैंड नहीं कर पाता है। इसके अलावा सेंटर में काम करने वाले और कस्टमर के बालिग होने के चलते कानूनी कार्रवाई भी नहीं कर पाते हैं। लेकिन पुलिस चाहे तो जब यह स्पा व मसाज सेंटर खुलते ही कानून की जद में लाकर जांच की जाए तो शायद यह बंद हो जाएं।
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