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सभी भक्तों की मुरादें पूरी करतीं हैं मदनपुर वाली माई

Admin

कुशीनगर (उ०प्र०)

यूपी और बिहार के सीमा पर स्थित मदनपुर जंगल के बीच में स्थित मां मदनपुर देवी का प्रसिद्ध मन्दिर देवी भक्तों के लिए आस्था का मुख्य केन्द्र है। नवरात्र पर्व में यूपी, बिहार सहित पड़ोसी देश नेपाल से भी भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचकर कर देवी दर्शन करते हुए अपने सुख और समृद्धि का मन्नते मांगते हैं। शारदीय नवरात्र पर्व और उसके मेले को लेकर मंदिर को विधिवत रूप से सजाया जाता है।

खड्डा क्षेत्र से सटे बिहार प्रांत के वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना के मदनपुर के घने जंगलों के बीच में मां मदनपुर देवी का प्राचीन मंदिर स्थित है। मन्दिर के महंत के मुताबिक यह देवी स्थान राजा मदन सिंह के राज्य के अधीन आता था। राजा को किसी के द्वारा ये सूचना मिली कि रहसू भगत नामक यूपी-बिहार सीमा पर बीटीआर के जंगल में स्थित साधु उनके रियासत के जंगलों के बीच बाघ के गले में सांपो को बांधकर कनकजीर धान की मड़ाई करता है। यह सब वाक्या सुनकर राजा अपने दल बल के साथ मौके पर पहुंचकर उस दृश्य को देखकर अचंभित हो गए। राजा ने रहसु से इस रहस्य की जानकारी लेते हुवे देवी मां को अपने सामने बुलाने की जिद करने लगे। इस पर रहसू ने राजपाठ का सर्वनाश होने की बात कहते हुए राजा को समझाने का काफी प्रयास किया लेकिन राजा नहीं माने। हार थककर रहसू ने देवी का आह्वावन किया। जिस पर देवी मां ने कामाख्या से चलकर खन्हवार में विश्राम करती हुई थावे पहुंची। देवी के थावे पहुंचने के बाद रहसू ने एक बार राजा को फिर चेताया लेकिन राजा नहीं माने। इसी दौरान देवी ने रहसू का सिर फाड़ते हुए हाथ का कंगन दिखाया, जिसे देखकर राजा वही पर मूर्छित होकर जमीन पर गिर पड़े और फिर नहीं उठे। इसके बाद राजा का राजपाट तहस नहस हो गया। देवी मां के प्रकोप से बचते हुए राजा की गर्भवती बहू बिहार के बड़गांव स्टेट पहुंची तो बहू को गर्भवती देख देवी ने उसे शार माफ करते हुए मदनपुर जंगल के बीच पिण्डी में समाहित हो गई। जंगल में गाय चराने गये हरिचरण नामक व्यक्ति की नजर पिण्डी पर पड़ी तो उसने देखा कि एक गाय पिण्डी के स्वरुप पर अपना दूध गिरा रही है। यह देखकर हरिचरण पिण्डी के आसपास की सफाई कर वहां पूजा पाठ करना शुरु कर दिया। हरिचरण की भक्ति से प्रसन्न होकर देवी मां प्रकट होते हुए उसकी रखवाली के लिए एक बाघ प्रदान किया। बडगांव स्टेट ने पिण्डी की जगह एक मन्दिर का निर्माण कराया।

जहां दूर दूर से श्रद्धालु पहुंचकर नवरात्र में पूजन अर्चन कर मन्नते मांगते हैं। मान्यता है कि सच्चे मन से मांगी गई भक्तों की सभी मुरादे माता मदनपुर वाली अवश्य पूरी करती है।








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