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कबीर मठ में बुर्जुर्ग सेविका की पीटकर हत्या में नागा साधु गिरफ्तार

 कुशीनगर (उ०प्र०)




कुशीनगर के मल्लूडीह कुकुत्था नदी (घाघी) के किनारे स्थित कबीर मठ पर रह रही बुजुर्ग सेविका की एक नागा साधू ने बंद कमरे में पीट-पीट कर हत्या कर दी। हत्या के बाद खुद भी कमरे में बंद था। आस पास से गुजरे चरवाहों ने चिल्लाने की आवाज सुनकर दरवाजा तोड़ा तो इसकी जानकारी हुई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने हत्यारोपी नागा साधु को गिरफ्तार कर लिया है। शव को पुलिस ले कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

बिहार के बक्सर जिले के थाना राजपुर के सैथु निवासिनी जमुनी दास (85) मल्लूडीह घाट स्थित कबीर मठ पर कई वर्षों से रहती थी। वह मठ पर सेविका के रूप में रहती थी और यहां के साधु अमल दास व अनमोलदास की सेवा में लगी रहती थी। परिसर की सफाई आदि भी उसके जिम्मे थी। परिसर में ही एक कमरे में उसने ठिकाना बना रखा था। गुरुवार को तीन बजे के आस पास एक नागा जैसे दिखने वाला साधु मठ पर पहुंचा। परिसर में महिला अकेली थी। अमल दास व अनमोलदास भिक्षाटन आदि के लिए बाहर गए थे।

महिला सेविका अपने स्वभाव के अनुसार नागा साधु को कमरे में लग गयी बैठाया और भोजन पानी आदि पूछा। कुछ देर तक को सब कुछ ठीक ठाक रहा। करीब पांच बजे आस पास मौजूद चरवाहों ने किसी के चिल्लाने की आवाज सुनी। सेविका के कमरे के पास पहुंचे तो कमरे का चैनल गेट बंद था। अंदर कोई नहीं दिख रहा था। कुछ देर में भीड़ जुट गयी। आवाज देने पर भी जब सेविका बाहर नहीं निकली तो पुलिस को सूचना दी गयी। कसया थाने की फोर्स लेकर कुछ ही देर में एसओ अनिल उपाध्याय फोर्स लेकर पहुंच गए। कसया के सीओ फूलचंद कन्नौजिया भी पहुंच गए। पटहेरवा एसओ अखिलेश कुमार सिंह भी फोर्स लेकर पहुंचे। तब तक न तो अंदर से चैनल गेट खुला था और न ही कोई सामने आ रहा था। पुलिस के आवाज देने पर अंदर से नागा साधु आया और कमरे में रखा त्रिशूल लेकर भांजने लगा। किसी तरह पुलिस ने चैनल की जंजीर तोड़ी और उसे काबू किया। अंदर सेविका की लाश पड़ी थी। सिर में कटे का निशान था। ग्रामीणों ने बताया कि नागा साधु ने उसे पीटकर मार डाला है।

पुलिस की पूछताछ में हत्यारोपी की पहचान गोरखपुर के गोला थानान्तर्गत चड़रिया निवासी नागा साधु परशुराम पुत्र परमहंस के रूप में हुई। उसकी उम्र 50 साल के आस पास है। ग्रामीणों के अनुसार सेविका इतनी मिलनसार थी कि किसी के आने पर भोजन पानी जरूर पूछती थी और मठ में जो भी दाना पानी हो उसे जरूर सौंपती थी। लोगों में उसकी हत्या को लेकर आक्रोश है। लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि नागा ने उसकी हत्या क्यों की।

ग्रामीणों ने बताया कि वह लोग आए दिन मठ परिसर में जाते आते रहते हैं। इससे पहले यह नागा साधु कभी इधर नहीं दिखा। उसे सेविका पहचानती तक नहीं थी। पहली बार आया और सेविका की सरलता का फायदा उठा कर उसके कमरे में पहुंच गया। पहले शांत रहा और कुछ ही देर बाद हत्या कर दी।

पुलिस करीब साढ़े चार बजे मौके पर पहुंच गयी थी। चैनल का गेट बंद किए हत्यारोपी अंदर था। काफी देर तक पुलिस उसे गेट खोलने को कहती रही मगर वह टस से मस न हुआ। पुलिस ने चैनल में बंधी जंजीर तोड़नी शुरू की तो वह अंदर से त्रिशूल लेकर आ गया और भांजने लगा। पुलिस को लगा कि वह कहीं हाथ पर वार न कर दे। इसलिए सहम गए। करीब डेढ़ घंटे बाद उसे पुलिस ने काबू किया।

पुलिस ने बताया कि थाने लाने के बाद हत्यारोपी ने हत्या की बात से इनकार कर दिया। कई बार पूछने के बाद भी वह इससे इनकार करता रहा। उसने स्वेटर पहन रखी है जबकि नागा साधु धोती के सिवा कुछ नहीं पहनते। पुलिस का कहना है कि वह खुद को भले ही नागा साधु बता रहा है मगर हाव भाव व व्यवहार से वह पेशेवर अपराधी लग रहा है।

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