आश्रय पाकर विदेशी सैलानी ने कहा शुक्रिया,
- भारतीय संस्कृति के अनुसार हिंदी भाषा मे उसका नमस्कार करना सबका दिल जीत लिया,
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Surajbhan Kumar Bharti
कुशीनगर (उ०प्र०)
हिन्दू धर्म के वेद शास्त्रों में कहा गया है कि अतिथि देवो भव: अर्थात अतिथि देवतास्वरूप होता है। यानी कि जो सज्जन बिना किसी प्रयोजन, बिना बुलाए, किसी भी समय और किसी भी स्थान से घर में उपस्थित हो जाए, उसे अतिथिरूपी देव ही समझना चाहिए और अपने सामर्थ के अनुसार उनका स्वागत सत्कार करना चाहिए।
भारत देश मे प्रचलित इस परंपरा को नेबुआ नौरंगिया थानाक्षेत्र के लक्ष्मीपुर गांव में एनएच 727 के किनारे और हिन्दुस्तान पेट्रोल पंप के बगल में स्थित कुशीनगर इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल के प्रबंधक आशीष गुप्ता ने इसे चरितार्थ साबित कर दिया। मंगलवार देर शाम को इटली देश के वेनिस शहर के मालो गांव निवासी 29वर्षीय निको पाइरोड़ जो विदेशी सैलानी है उससे मुलाकात होने के बाद उनको जलपान कराया तथा उसके द्वारा आश्रय मांगने पर अपने ही विद्यालय में रात में ठहरने का जगह देते हुवे उसका भोजन आदि का भी प्रबन्ध कर दिए। अपना रात्री विश्राम का ठिकाना मिलने और भोजन आदि का प्रबंध हो जाने पर उसने भारतीय संस्कृति के अनुसार हिन्दी भाषा मे हाथ जोड़कर सबका अभिवादन और शुक्रिया किया।
अपने यात्रा विवरण के विषय मे निको ने बताया कि 05 अक्टूबर को इटली से कोलकत्ता हवाई जहाज से आकर वही से भारत देश के प्रमुख बौद्ध धर्म के सभी प्रमुख तीर्थ स्थानों का दर्शन करते हुवे नेपाल के लुम्बनी और पड़ोसी देश पाकिस्तान, ईरान और तुर्की तक का पैदल ही भ्रमण करते हुवे दो साल बाद पुनः अपने देश वापस जाना है।
कोलकत्ता से वो नालन्दा विश्वविद्यालय, देवघर, सासाराम, बोधगया, बनारस और कुशीनगर के प्रमुख तीर्थ स्थलों का भ्रमण करते हुवे वो स्थानीय थानाक्षेत्र के उक्त गांव तक पहुंचा है। नेटवर्क मार्केटिंग के व्यवसाय से जुड़ा निको ने आगे बताया कि पांच देशों का संस्कृति, बोलचाल, रहन सहन, खान पान, तीज त्यौहार और मेहमान नवाजी का जिक्र वो भविष्य में अपने लिखे जाने वाले पुस्तक About India (एबाउट इंडिया) में इन सबका जिक्र करेगा। बुधवार की सुबह अपने अग्रिम पड़ाव की ओर जाने से पहले हिन्दी भाषा मे सबका आभार जताते हुवे नमस्कार बोलकर आगे बढ़ गया।





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