बच्चों को नहीं मिल रहा पौष्टिक आहार, सरकार की मंशा पर विभाग ही लगा रहा है पलीता,
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कुशीनगर (उ०प्र०)
प्रदेश सरकार के द्वारा मासूमों के स्वास्थ्य को मजबूत करने के लिए आंगनबाड़ी केन्द्रो पर विभिन्न प्रकार के पौष्टिक आहार भेजे जाते हैं। जिसको बच्चों व गर्भवती महिलाओं में इनका वितरण किया जा सके। वर्तमान समय मे हालात यह है कि नेबुआ नौरंगिया क्षेत्र के दुकानों पर आंगनबाड़ी केन्द्रो के पोषाहार को बेच दिया जा रहा है। जिससे पात्रो को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। प्रदेश सरकार ने आंगनबाड़ी केन्द्रो पर चना दाल, रिफाइन, दलिया और चावल सहित अन्य और वस्तुओ को छोटे बच्चों व महिलाओं में वितरण करने के लिए भेजा जाता है। जिसका हकीकत यह है कि जितना सामान आता है उतने का वितरण कागजो में दिखाकर गिने चुने हुवे चंद लोगो को देकर शेष सामानों को बेचकर मालामाल हो रहे है। वही पात्र व्यक्ति इस योजना का लाभ लेने के लिए तरस रहे है। विभागीय मिलीभगत से ही सरकार के इस महत्वाकांक्षी योजना को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका पलीता लगा रहे हैं। स्थानीय क्षेत्र में ही पिछले हप्ते एक गन्ने के खेत मे चना दाल के दर्जनों खाली रेपर का मिलना कालाबाजारी करने की पोल खोल रहा है। क्षेत्रीय लोगो का कहना है कि कार्यकर्ता/सहायिका या उनके परिजनों के द्वारा ही अपने सेटिंग किये गए दुकानदार से औने पौने दामो पर पोषाहार को बेच दिया जाता है। नेबुआ, देवगांव, परसौनी, लक्ष्मीपुर, नौरंगिया, मंशाछपरा और विशुनपुरा आदि सहित अनेको गांवो के ग्रामीणों के एक समूह ने बताया कि हमारे गांव में गिने चुने लोगो में ही पुष्टाहार का वितरण किया जाता है। अनेको बार विभाग में शिकायत करने के बाद भी यथास्थिति बरकरार है। जबकि बीते दिनों क्षेत्र के बलुआर, कौवासर और मड़ार विन्दवलिया आदि गांव के जांच में पोषाहार वितरण में अनियमितता की पुष्टि हुई है। फिर भी विभाग कोई सटीक कार्यवाही नही कर रहा है।
इस सम्बंध में सीडीपीओ सीता देवी ने कहा कि शिकायत मिलने पर उसका जांच किया गया है। पोषाहार के वितरण में लापरवाही क्षम्य नही होगा।
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