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गुजरात के भादिर नदी में डूबे चौथे किशोर का पांचवे दिन भी नहीं चला पता

जैतपुर में डूबे चार लोगों में तीन का मिल चुका था शव, मृतक है हथिया गांव का निवासी

Admin

कुशीनगर (उ०प्र०)

गुजरात शहर के राजकोट के जैतपुर स्थित भादिर नदी में डूबे किशोर का घटना के पांचवे दिन भी पता नहीं चल स्का है, जिससे घरवाले उसे लेकर काफी परेशान हैं। वह हथिया गांव का निवासी है। लापता हुए किशोर मंजेश के परिजनों ने घटना के पीछे ठेकेदार का हाथ बताया है।

खड्डा थानाक्षेत्र के हथिया गांव निवासी मंजेश लगभग चार वर्षों से गुजरात की साड़ी फैक्ट्री में काम करता था। इसी के साथ में गांव का जीऊत काम करने गया है। जिऊत ने परिजनों को फोन पर बताया कि मंजेश थाने में बंद है, आकर छुड़ा लीजिए। इसके बाद मंजेश के पिता रामसंवारे व माता तेतरी बेटे को छुड़ाने गुजरात पहुंचे तो पता चला कि वह नदी में डूबकर लापता हो गया है।

मंजेश के बड़े पिता केश्वर का आरोप है कि इस घटना में ठेकेदार का हाथ है। उसी के कारण लड़कों की जान गई है। अत्यंत गरीबी में जीवन यापन करने वाला मंजेश तीन भाइयों में सबसे बड़ा है। जीऊत के पिता मंगरू ने बताया कि मजबूरी के चलते कम उम्र में लड़का ठेकेदार के साथ मजदूरी करने गया है।

हनुमानगंज थानाक्षेत्र के धरनीपट्टी गांव के निवासी अर्जुन प्रसाद की उम्र 16 वर्ष, नौतार जंगल निवासी कुश्वर 16 वर्ष, खड्डा थानाक्षेत्र के हथिया गांव का निवासी मंजेश की उम्र परिजन 15 वर्ष बता रहे हैं। इनमें से दो लड़को की नदी में डूबने से मौत हो गई है, जबकि एक लापता है। इसी तरह हथिया गांव का जीऊत भी नाबालिग है। मंजेश के बड़े पिता केश्वर और धरनीपट्टी गांव के जितेंद्र बताते हैं कि क्षेत्र से इस तरह कई और नाबालिगों को ठेकेदार ले जाकर साड़ी फैक्ट्री में कार्य कराते हैं। वे बहुत कम मजदूरी देते हैं। उन्हें कोई सुविधा नहीं मिलती है। बीमार पड़ने पर दवा तक नहीं कराते हैं।

गरीबी के चलते लड़के व उनके परिवार वाले ठेकेदारों के चंगुल में फंस जाते हैं। वही हथिया गांव निवासी जीऊत ने फोन पर बताया है कि चारों लड़के नदी में मछली पकड़ने उतरे थे। अचानक पानी आ गया और डूब गए। ठेकेदार ने उससे कहा था कि फोन पर बताना है कि पुलिस ने पकड़ा है, जबकि सच्चाई यह है कि चारों लोग डूब गए थे।








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