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कुशीनगर (उ०प्र०)
जनपद के शहर, कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों की यातायात व्यवस्था को ई-रिक्शा चालकों ने चौपट कर कर दिया है, बिना पंजीकरण के जिले में लगभग चार हजार से अधिक ई-रिक्शा संचालित हो रहे हैं।
नगर और कस्बों में कहीं भी स्टैंड निर्धारित नहीं है। इसकी वजह से ई-रिक्शा चालक जहां मर्जी वहीं पर सवारी बैठाते हैं और मुख्य मार्ग पर जाम की वजह बनते हैं। मानक ISA से अधिक सवारी बैठाना इनकी आदत बन गई है तो मालवाहक के रूप में भी इस्तेमाल करते हैं, सतर्क न होने पर इनसे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। बेतरतीब वाहनों के संचालन से प्रमुख मार्गों पर अक्सर जाम की समस्या बनी रही है। इसको अधिकांश नाबालिग ही मनमानी ढंग से चलाते हैं। ई-रिक्शा चालक नगर हो या ग्रामीण क्षेत्रों में चलते चलते बीच सड़क पर ही मोड़ने के अलावा बीच सड़क में गाड़ी खड़ी कर देते हैं। इसकी वजह से पीछे चलने वाले वाहन चालक दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं।
बेतरतीब ई-रिक्शा के संचलन से जनपद के पड़रौना नगर के छावनी, बड़ी गंडक नहर मोड़, कठकुइयां मोड़, सुभाष चौक, रामकोला रोड, कोतवाली रोड, धर्मशाला मार्ग, जटहां मार्ग पर आए दिन जाम की समस्या बनी रहती है।
जनपद में पंजीकृत ई-रिक्शा की संख्या 1983 है, जबकि चार हजार से अधिक संचालित हैं। केवल पड़रौना नगर में ही छह सौ से अधिक ई-रिक्शा चलते हैं।
ई-रिक्शा पर तीन सवारी बैठाने की अनुमति है, लेकिन पांच बैठाए जाते है, पडरौना से जिला मुख्यालय जाने वाले ई-रिक्शा पर तो छह लोग भी बैठे अक्सर देखे जाते है।
इस प्रकरण में एआरटीओ मो० अजीम ने बताया कि ऐसे ई-रिक्शा के पंजीकरण व चालक के लाइसेंस की जांच अगले हफ्ते से अभियान चलाकर किया जाएगा। जिन वाहनों का कागजात नहीं मिलेगा, उनके विरुद्ध विधिक कार्रवाई की जाएगी।
जबकि यातायात निरीक्षक सत्य सान्याल शर्मा ने कहा कि बेतरतीब वाहन संचालन को लेकर विभाग गंभीर है। यातायात नियमों के अनुपालन न करने वालों के विरुद्ध ही अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी।
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