रेशम की डोरी
कुशीनगर (उ०प्र०)
कीमत रेशम की डोरी की,
जग में होती है अनमोल।
भाई बहन प्रीत है कितना,
कोई नहीं सकता है तोल।
केवल रेशम डोरी ना ये,
भ्रातृ प्रेम रस देता घोल।
बहना की रक्षा करनी है,
मन के द्वार बताता खोल।
बहना बाँध अमर है होती,
सुनके भाई के रक्षा बोल।
नहीं दुःशासन हमको छूए,
राखी याद दिलाता गोल।
रावण आज भेष है बदला,
भैया तुम अब खोलो पोल।
कर्मवती की लाज छुपी है,
रेशम डोरी ये है अनमोल।
-----------------------------------
अशोक शर्मा, कुशीनगर (उ०प्र०)
0 Comments