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गण्डक नदी में विलीन हो रहा है किसानों के खेत और फसले

अपने सीने पर पत्थर रखकर अपनी बर्बादी को देख रहे है रेतावासी

कुशीनगर (उ०प्र०)




वाल्मीकि गंडक बैराज पर नदी का डिस्चार्ज तेजी से घट रहा है। बीते दिनों बैराज पर नदी के डिस्चार्ज में 30 हजार की गिरावट दर्ज की गयी थी। अब नदी का डिस्चार्ज 1लाख 54 हजार क्यूसेक के करीब आ गया है। नदी के डिस्चार्ज में भारी गिरावट देख रेताक्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली है, लेकिन छितौनी बांध के समीप स्थित किसानों की फसलों को नदी ने कटान तेज कर दिया है। भेड़ियारी ठोकर नंबर तीन से लेकर हनुमानगंज गांव के समीप तक फसलों का कटान तेजी से जारी है। जिससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें दिख रहीं हैं।

नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्र में कुछ दिनों से भारी बारिश होने के कारण बड़ी गंडक नदी के जलस्तर में अचानक वृद्धि हो गई थी। इससे गंडक बैराज पर नदी का डिस्चार्ज 3 लाख 17 हजार क्यूसेक के पार पहुंच गया था। यही पानी नदी में छोड़े जाने से खड्डा रेताक्षेत्र के शिवपुर, हरिहरपुर, मरिचहवा, बसंतपुर, नारायनपुर, विंध्याचलपुर और बालगोविंद छपरा समेत आदि गांवों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। लोग सुरक्षित स्थानों की तलाश में जुट गए थे। नदी महदेवा गांव के समीप पहुंच कटान करने लगी थी। यह देख किसानों के माथे पर पसीना आने लगा। उन्हें यह भय सताने लगा कि इसी तरह नदी के जलस्तर में वृद्धि होती रही तो उनकी फसल नदी में विलीन हो जाएगी। दो दिनों से नदी के डिस्चार्ज में लगातार गिरावट होने से रेतावासियों ने राहत की सांस ली है, लेकिन किसानों के लिए अभी कोई राहत की बात नहीं है। भेड़ियारी से लेकर हनुमानगंज गांव तक नदी फसलों को तेजी से निगल रही है।

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