- जनसहयोग से किया गया मृतक का दाह संस्कार,
- ब्रम्हभोज कैसे होगा, परिजनों को सता रही है इसकी चिंता .?
कुशीनगर (उ०प्र०)
"एक गरीब के लिए उसका गरीबी ही उसके लिए अभिशाप बन जाता है"
इस कहावत ने राजेश पासवान (45वर्ष) के हालातों को चरितार्थ साबित कर दिया है। क्योंकि एक गरीब के घर मे जन्मे और पले बढ़े तथा आर्थिक रूप से पूर्णतया मजबूर और मजदूरी करके अपना और अपने परिवार का जीविकोपार्जन करने वाला और दाने दाने का मोहताज राजेश अपने हालातो का सामना करते हुवे शुक्रवार के मध्य रात्री को दम तोड़ दिया।
नेबुआ नौरंगिया विकास खण्ड के ग्रामसभा लक्ष्मीपुर निवासी राजेश पासवान पुत्र स्व० मोहन पासवान (45वर्ष) अपने पांच भाईयो में चौथे नम्बर पर था। युवा अवस्था से ही वो किसी रोग से पीड़ित था। पेशे से मजदूर तथा आर्थिक रूप से कमजोर और दाने दाने का मोहताज होने के कारण वो अपना इलाज किसी योग्य और अच्छे अस्पताल में नही करा पाया। सरकारी सुविधा के नाम पर भी उसे कुछ नही मिला है। आर्थिक संकट और अपने बीमारी से जूझते हुवे शुक्रवार के मध्य रात्री को उसने दम तोड़ दिया। शनिवार को गांव के ही जागरूक ग्रामीणों के द्वारा जनसहयोग से पनियहवा के नारायणी नदी के किनारे उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। मृतक राजेश के परिवार में उनकी पत्नी दुलारी देवी (42वर्ष), अर्चना (14वर्ष), रंजना (8वर्ष), अर्जुन (6वर्ष) और प्रिया (3वर्ष) का रो रोकर बुरा हाल है। खबर लिखे जाने तक मृतक का ब्रम्हभोज कैसे होगा परिजनों को इसकी चिंता अब सता रही है। मृतक का परिवार हर किसी से सहयोग की आस लगाया है।
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