आषाढ़ माह में तेज धूप से किसानों की टूटने लगी है आस, सूखने लगा है धान का फसल
कुशीनगर (उ०प्र०)
शनिवार के सुबह के बाद आसमान पर काले बादलो को मंडराते देखकर किसानों के चेहरे खिल गये थे कि कुछ देर ही सही पर आज मौसम मेहरबान है और अच्छी बारिश होगी। पर खड्डा तहसील क्षेत्र के किसानों के इस मनसूबो पर प्रकृति ने कुछ ही देर बाद पानी फेर दिया। और क्षेत्र में किंचित जगहों पर ही बूंदाबांदी हुई, जबकि उमड़े हुवे बादलो को देखकर ऐसा लग रहा था कि घनघोर बारिश होगी। बरसात के इस मौसम में धान सहित अन्य और खरीफ के फसलों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। आषाढ़ माह में तेज धूप को देखकर किसान निराश हो रहे हैं। खड्डा तहसील क्षेत्र में कहीं भी तेज बारिश का नामोनिशान नहीं है। अगर पिछले सप्ताह के दो-चार दिनों को छोड़ दें तो मौसम काफी बेरुखा ही रहा है। आषाढ़ माह में भी सूरज अपनी आंखे तरेर रहा है, ऐसे में उमस भरी गर्मी का सितम निरन्तर जारी है। गर्मी से निजात के लिए बारिश का इंतजार कर रहे लोगों को किसी भी हाल में राहत नहीं मिल रहा है। बरसने वाले बादलों का डेरा आसमान से गायब है और तेज गर्मी व उमस ने सभी को बेहाल करके रख दिया है। वर्तमान समय का आलम यह है कि लोग आने वाले कुछ दिनों में भी सुहाने मौसम को लेकर साशंकित हैं। मानसून आने के बाद जून माह के आखिरी सप्ताह में हल्की बारिश हुई थी। किसानों ने महंगे दामो पर बीज और खाद खरीदकर धान, अरहर और मक्का आदि के फसलो को खेतों में बोए है, लेकिन पानी के बगैर सब सूखा पड़ा है। धान के खेतो में दरारे फट गये है और फसल पीले होते जा रहे हैं। अपने फसलों को बचाने के लिए किसान पम्पिंग सेट और विधुत मोटर से अपने खेतों में पानी डाल रहे है, लेकिन तेज धूप के कारण खेतों में पानी नहीं ठहर रहा है। जब तक अच्छी बारिश नहीं होती है, धान की खेती पर्याप्त मात्रा में होना संभव नहीं है। वहीं खड्डा तहसील क्षेत्र के किसानों का कहना है कि अगर इस हप्ते के अंत तक बारिश नहीं हुई तो धान के फसलों को भी बचाना मुश्किल हो जाएगा। महंगे डीजल को खरीदकर खेतो की सिचाई करना गरीब तबके के किसानों के लिए एक चुनौती बना हुवा है।
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