प्रदेश में मिशन शक्ति अभियान के जरिए महिलाओं-बेटियों की सुरक्षा का डंका पीटा जा रहा है लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि महिलाओ के अपराधों पर लगाम नहीं लग पा रही है। आए दिन बहन-बेटियों के साथ छेड़खानी के मामले सामने आ रहे हैं और तो और जिन्हें सुरक्षा की जिम्मेदारी मिली है वही सवालों के घेरे में हैं। गोरखपुर में एक छेड़छाड़ पीड़ित युवती ने जब पुलिस से मदद मांगी तो उल्टे कॉन्स्टेबल ने ही उसके साथ बदसलूकी करने लगे।
गोरखपुर में अपनी ड्यूटी करके घर लौट रही युवती के साथ कार सवार शोहदे ने छेड़खानी शुरू कर दी। इस दौरान उधर से गुजर रहे पीआरवी के सिपाही भीड़ देखकर रुक गए। आरोप है कि पीआरवी के एक कॉन्स्टेबल ने आरोपी पर कार्यवाही की बजाए युवती से ही अभद्रता शुरू कर दी। मामला जब एसएसपी के संज्ञान में आया तो पीआरवी सिपाही को निलंबित कर दिया। वहीं पीड़िता की तहरीर पर आरोपी शख्स के खिलाफ कैंट थाने में मुकदमा भी दर्ज कराया गया है।
बताते चलें गोरखपुर के रामगढ़ताल क्षेत्र की एक युवती बिलन्दपुर में लखनऊ हाइवे पर स्थित एक प्राइवेट फर्म में नौकरी करती है। सोमवार की रात आठ बजे युवती स्कूटी से अपने कार्यालय से घर जाने के लिए निकली थी। इसी दौरान ऑफिस के सामने हाइवे पर खड़ी कार में बैठे 40 वर्षीय युवक ने युवती को रोक लिया। आरोप है कि वह कार से उतरकर छेड़खानी करने लगा। इस दौरान युवती को जबरन कार में बैठाने की भी उसने कोशिश की। युवती के शोर मचाने पर राहगीर और ऑफिस में काम करने वाले इकठ्ठा हो गए। इसके बाज आरोपी युवक को लोगों ने घेर लिया। उधर से गुजर रहे पीआरवी के जवान भी भीड़ देखकर रुक गए। पुलिस से उम्मीद थी कि मुश्किल में पड़ी युवती की कुछ मदद करेगी। लेकिन उनमें से एक सिपाही ने पीड़ित युवती से ही अभद्रता शुरू कर दी।
मामले की जानकारी होने के बाद प्रभारी निरीक्षक कैंट अनिल उपाध्याय मय फोर्स के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। इसके बाद सिपाही और आरोपी युवक को थाने पर लाया गया। पूछताछ में आरोपी की पहचान जगरनाथपुर निवासी मनीष द्विवेदी के रूप में हुई।
युवती की तहरीर पर आरोपी के खिलाफ छेड़खानी और रास्ता रोकने का मुकदमा दर्ज किया गया है। उधर, एसएसपी जोगेंद्र कुमार ने बताया कि युवती के साथ दुर्व्यवहार करने वाले सिपाही को निलंबित कर दिया गया है।
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