दीपावली के बाद मौसम में बदलाव का आगाज हो गया है। ऐसे में दिनचर्या और खानपान में जरा सी लापरवाही सेहत पर भारी पड़ सकती है। मौसम के बदलते प्रभाव से वातावरण में कई तरह के कीटाणु पैदा होते हैं। नमी की वजह से यह कीटाणु अधिक ऊंचाई पर न जाकर सीधे शरीर को संक्रमित करते हैं। ऐसे में इन खतरनाक कीटाणुओं से बचने के लिए सावधानी बेहद जरूरी है।
विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना महामारी में बुजुर्ग और बच्चे खास ख्याल रखें। इस मौसम में ज्यादातर लोग वायरल का शिकार होते हैं लेकिन कोरोना की वजह से अगर किसी को बुखार होता है या फिर सर्दी जुकाम की समस्या होती है तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क कर इलाज कराएं। हल्की सी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है। सीएचसी तमकुही के अधीक्षक डॉ. राकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि सर्दियों में लोग गरिष्ठ भोजन का इस्तेमाल करते हैं लेकिन कसरत पर ध्यान बेहद कम देते हैं। खानपान के साथ कसरत में तालमेल बेहद जरूरी है। ऐसे मरीजों की संख्या भी इस बीच बढ़ी है। ऐसे लोगों को सलाह दी जा रही है कि सुबह-शाम का तापमान कम होने से ठंड से बचें। योग, साइकिलिंग और दौड़ें। 15 मिनट का व्यायाम शरीर को चुस्त रखेगा। बुजुर्गों और बच्चों को विशेष सतकर्ता बरतने की जरूरत भी है। तमकुही सीएचसी के डॉ. संजय कुमार का कहना है कि सर्दियों में शरीर में खुश्की, बढ़ जाती है। एड़िया फटना, सोरियासिस (शरीर पर सफेद छिलके निकलना), एक्जिमा आदि बीमारियां होने लगती है। सोरियासिस एक ऑटो इम्यून बीमारी है। एक्जिमा सर्दियों में और खराब हो जाता हैं। इसलिए सर्दी से बचाव के साथ ही शरीर में नमी बने रहना जरूरी है। ऐसे में शरीर में तेल लगाएं। हफ्ते में दो या तीन दिन ही साबुन का इस्तेमाल करें। रूसी से बचने के लिए एंटी डैंड्रफ या एंटी फंगल शैंपू का इस्तेमाल कर सकते हैं। अस्थमा और सांस संबंधी रोग, नाक से पानी बहना, सिर भारी होना, आंखों के आगे अंधेरा, जकड़न, काम करने की इच्छा न होना, बेहोशी, जुकाम, बुखार, बच्चों के शरीर में दाने होना जैसी समस्याएं हो सकती है। उन्होंने बताया कि गांवो में लोग ठंड से बचने के लिए आग जलाने के साथ ही पशुओं को मच्छरों से बचाने के लिए धुँआ करते हैं, जो अस्थमा व स्वास रोगियो के लिए खतरनाक होता हैं। ऐसे में अस्थमा और श्वास रोगियों को ठंड व धुँआ से बचना चाहिए। इस मौसम में लोगों को उबाल कर पानी पीना चाहिए। संतुलित भोजन लें।
इधर बदल रहे मौसम का असर दिखने लगा है। कोरोना के डर के बीच सर्दी-जुकाम और बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। इसमें खासकर छोटे बच्चे और बुजुर्ग शामिल हैं।
0 Comments