नव सृजित नगर पंचायत छितौनी बाजार के बगल के पूर्वी छोर से होकर हिमालय की घाटियों से निकलने वाली पवित्र गंगा नदी की शाखा जो नारायणी नदी के नाम से भी जानी जाती है। नेपाल की तलहटी से बहती हुई कुशीनगर जनपद में प्रवेश करके बिहार राज्य में जाकर पुनः उसी गंगा नदी में मिलकर उसमे विलीन हो जाने वाली नारायणी नदी का किनारा शुक्रवार की शाम को 31000हजार दीप मालिकाओं से जगमग हुआ। देव-दीपावली के मौके पर दैनिक जागरण और मां नारायणी सामाजिक कुंभ के तत्वाधान में शुक्रवार को छितौनी बगहा रेल-सह-सड़क पुल के नीचे से नारायणी तक दीप-मालिका जगमगाती रही। सांसद विजय कुमार दुबे के कर कमलों द्वारा उद्घाटित इस कार्यक्रम की 31000 दीप गवाही देते रहे। इसके बाद आम लोगों ने दीपदान कर मां नारायणी का आशीष लिया।
पूर्व घोषणा के अनुसार मां नारायणी सामाजिक कुंभ के तत्वाधान में मां नारायणी की आरती व पूजा हुई। शंख और घण्टी की सुमधुर ध्वनियों के बीच मां नारायणी के पवित्र जल को श्रद्धालुओं ने अपने शरीर पर छिड़का। इसके बाद सभी लोगों ने दीपदान की शुरुआत की। दीयों में बाती-तेल डालने के बाद उन्हें जलाया और माँ नारायणी की धारा में प्रवाहित किया। कार्यक्रम की शुरुआत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से सांसद विजय कुमार दुबे ने दीप प्रज्वलित करके किया।
दैनिक जागरण कुशीनगर के प्रभारी अजय शुक्ला ने सात दीप प्रज्वलित कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। क्षेत्रीय विधायक जटाशंकर त्रिपाठी, उप जिलाधिकारी खड्डा श्रीमती उमा पांडेय, हियुवा नेता अजय गोविंद राव उर्फ शिशु, भाजपा नेता डॉ नीलेश मिश्रा, पूर्व विधायक मदन गोविंद राव, प्रधानाचार्य संघ के अगुआ शैलेंद्र दत्त शुक्ला, विवेकानंद पांडेय, मुन्ना सिंह, राजन विश्वकर्मा, हरि प्रसाद गुप्ता आदि सहित अनेको लोगों ने भी दीपदान किया।
सांसद विजय दुबे और विधायक जटाशंकर त्रिपाठी ने संयुक्त रूप से कहा कि भारतीय संस्कृति में दीपढ्यां एक अलौकिक घटना है। दीप प्रज्वलित करने से मनुष्य अपने आप को प्रकृति के नजदीक पाता है या जोड़ पाता है। नारायणी तट के बालू पर जलाए गए दीये हमें ईश्वर से जोड़ने का काम कर रहा है।
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