रवी के फसलो की बुवाई हो रही है प्रभावित,
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कुशीनगर (उ०प्र०)
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गोरखपुर जिले के पिपराइच में स्थित चीनी मिल के अभी तक चालू नहीं होने से क्षेत्रीय किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जबकि किसान गेहूं और तिलहन की फसल बोने की तैयारी में लगा है। जिस वजह से वह अपने गन्ने को औने पौने दामो पर ही क्रेसर पर या बिचौलियों के हाथों बेचने पर मजबूर है। चीनी मिल प्रबंधन समय से ही पेराई चालू करने का दावा कर रहा था, परन्तु तकनीकी खराबियों के चलते अभी तक चालू नहीं हो सका है।
पिपराइच चीनी मिल जोन के गन्ना किसान चीनी मिल चालू करने की मांग काफी समय से कर रहे हैं। जिससे कि वह समय से गन्ने, तिलहन और गेहूं की बोवाई कर सके, लेकिन दिसम्बर माह के पहला समाप्त बीतने के बाद भी चीनी मिल चालू नहीं हो सका है। इसे लेकर किसान खासा परेशान हैं वहीं अधिकारियों की मानें तो चीनी मिल के मशीन का जो पार्ट खराब हुआ है वह दूसरे प्रदेश से मंगावाया जाने की बात कहा जा रहा है। जिसे आते ही मिल को चालू कर दिया जाएगा। उक्त चीनी मिल के नेबुआ रायगंज, देवगांव, परसौनी, धर्मपुर, नेबुआ टोला, सूरत छपरा, नरायनपुर और शिवदत्त छपरा आदि गांवों के ग्रामीणों के एक समूह ने अतिशीध्र चीनी मिल को चालू करने की मांग की है।
मन्टु सिंह, नेबुआ राय गंज
मिल द्वारा हम किसानों का गन्ना समय से नहीं खरीदा जा रहा है। जिसके चलते गन्ना, तिलहन और गेहूं की फसल की बुवाई करने में काफी कठिनाई हो रही है। यदि अतिशीध्र ही मिल चालू नहीं हुवा तो गेहूं की फसल पिछड़ जाएगी।
किसान/पूर्व छात्र नेता पन्नेलाल यदुवंशी
आर्थिक स्तर ऊंचा करने के लिए पारंपरिक खेती छोड़कर गन्ने की खेती अपनाने वाले किसान गन्ना मिल न चलने से बिचौलियों के हाथ औने-पौने दाम में गन्ना बेच रहे हैं। जिससे मुनाफा तो दूर किसानों को उनकी लागत भी नहीं मिल पा रही है। समय से रवी की फसलों की बुवाई करने वालो किसानों के इसी मजबूरी का फायदा बिचौलिए उठा रहे है।
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