ग्रामीण क्षेत्र में हरे और प्रतिबंधित वृक्षों की कटान जोरो पर,
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कुशीनगर (उ०प्र०)
जनपद में हरे और प्रतिबंधित पेड़ों की कटान बेधड़क जारी है। वन व पुलिस विभाग इस पर अंकुश नहीं लगा पा रहा है। इससे लकड़ी माफिया का मनोबल और बढ़ता जा रहा है। जबकि हरियाली को बढ़ावा देने के लिए शासन की ओर से हर साल करोड़ो रूपये खर्च करके पौधारोपण अभियान चलाया जाता है। वही इन पेड़-पौधों की सुरक्षा को लेकर विभाग के कर्मचारी ही लापरवाही बरतते हैं। यही वजह है कि जनपद में फलदार व प्रतिबंधित प्रजाति के पेड़ों की अंधाधुंध कटान हो रही है। जरूरतमंद किसान भी हरे पेड़ ठीकेदारों से बेच दे रहे हैं। वही कुछ वन माफिया कम पेड़ों का परमिट बनवाकर मनमाना कटान या फिर अबैध कटान भी करवा रहे हैं।
कुछ दिन पूर्व नेबुआ नौरंगिया थानाक्षेत्र के एक बागीचे से तीन आम का पुराना पेड़, देर रात में अबैध रूप से एक ठीकेदार के द्वारा किये जा रहे सागौन की कटान, जटहा बाजार थानाक्षेत्र के एकवनही गांव के एक बगीचे में कटान करके छुपाकर रखा गया नीम का पेड़, बेतिया और लुकपुर गांव का अबैध आम के पेड़ का कटान का प्रकरण अभी ठंडा ही नही हुवा कि स्थानीय थानाक्षेत्र के कटाई भरपूरवा गांव के बन्धे पर गुरुवार को पुलिस के द्वारा एक टाली सागौन की लकड़ी का पकड़ना इस अबैध कटान की पोल रहा है। जबकि वन विभाग और स्थानीय प्रशासन का दावा है कि क्षेत्र में हरे और प्रतिबंधित तथा अबैध पेड़ो की कटान बन्द है।
इस सम्बंध में पडरौना सत्येन्द्र सिंह ने बताया कि क्षेत्र में अबैध कटान की सूचना कही से भी नही है। शिकायत मिलने पर जांच करके आवश्यक कार्यवाही किया जाता है।






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