कप्तानगंज थानाक्षेत्र के एक गांव की नाबालिक के साथ चलती कार में हुवा था सामूहिक दुष्कर्म,
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कुशीनगर (उ०प्र०)
हाईवे पर चलती कार में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार हुई किशोरी स्थानीय थाने में दरिंदों की दरिंदगी बताकर मां से लिपटकर रो पड़ी। नाबालिक ने बताया कि सभी युवक जबरन उसे कार से बैठाकर लेकर चले गए। कार में ही सभी युवकों ने शराब पिया। इसके बाद जहांगीर अपने मोबाइल फोन से अश्लील वीडियो मुझे जबरन दिखाने लगा। विरोध करने पर पिटाई भी की। इसके बाद सभी ने मिलकर बारी बारी से दुष्कर्म किया। उसकी पीड़ा सुनकर वहां मौजूद लोगो ने उसे काफी समझाया, लेकिन उसकी हैवानियत के दौरान मिली हुई पीड़ा कम नहीं हुईं। पीड़िता की मां ने बताया कि घटना के बाद जब बेटी घर पहुंची तो सहमी हुई थी और रात में सो भी नहीं पा रही थी। ऐसे में डॉक्टर से उसका इलाज कराना पड़ा। इसके बाद तबीयत में सुधार हुआ। थाने में किशोरी ने बताया कि घटना के दिन मां गांव में समूह की मीटिंग में गई थी और पिता काम पर गए थे। घर में वह अकेली थी। दोपहर में गांव का कयामुद्दीन ने यज्ञशाला की तरफ बुलाया। वहां रात को बगीचे में रखा और गलत काम किया। विरोध करने पर सुबह छोड़ने की बात कही। इसके बुलाने पर तीन युवक कार लेकर पहुंचे और उसे जबरन लेकर गोरखपुर-हाटा हाइवे पर लेकर चले गए। जिसमें उससे दुष्कर्म हुआ। युवक सुबह से लेकर शाम तक उसे लेकर कार में घूमते रहे। दिन में भोजन तक नहीं दिया सिर्फ पानी और बिस्किट दिया था। रात को जब लेकर थाने में युवक पहुंचे थे, जहांगीर ने इंस्पेक्टर साहब से मिला और सभी ने एक साथ बैठकर चाय पिया। इसके बाद घरवालों को बुलाया गया। मां कार्यवाही की जिद्द पर अड़ गई और मुझे घर ले जाने से मना कर दिया। लेकिन पुलिस वाले उस दिन आरोपियों का ही पक्ष लेने लगे। किशोरी की मां ने बताया कि ऐसा लग रहा था कि अब न्याय नहीं मिलेगा। थाने में आने पर इंस्पेक्टर अपशब्द बोलकर भगा देते थे और उनके पास ही आरोपी बैठा रहता था। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस सक्रिय हुई और न्याय मिला। नाबालिक दुष्कर्म पीड़िता की सारी बात सुनकर वहा पर मौजूद परिजनों की आंखें भर आईं।
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