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मडार विन्दवलिया के जर्जर भवन में चल रहा है आयुर्वेदिक चिकित्सालय

बरसात में हो जाता है जलजमाव, जोखिम उठाकर काम कर रहे है कर्मचारी

कुशीनगर (उ०प्र०)





नेबुआ नौरंगिया क्षेत्र के मड़ार विंदवलिया में आयुर्वेदिक अस्पताल जर्जर भवन में चल रहा है। नया भवन बनने के एक वर्ष बाद भी विभाग को हस्तांतरित न होने से कर्मचारी पुराने भवन में जोखिम उठाकर काम कर रहे हैं। भवन के बदहाल होने के चलते उसमें रखी गई औषधियां खराब हो रही हैं।

मड़ार विंदवलिया के दूबे बरवा में लगभग 50 वर्ष पूर्व राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय का निर्माण हुआ था। काफी प्रयास के बाद ही बदहाल चिकित्सालय के बगल में ही नया भवन एक वर्ष से बनकर तैयार है, लेकिन आज तक हस्तांतरित नहीं हो पाया है। वहां पर तैनात डॉक्टर और कर्मचारी भवन में बैठने के दौरान सहमे रहते हैं।

वर्तमान में भवन काफी जीर्णशीर्ण अवस्था में खड़ा हैं। चिकित्सालय के दरवाजे और खिड़कियां हवा में झूल रहे हैं। भूमि के समानांतर नींव होने की वजह से मामूली बारिश में भी चिकित्सालय और उसके परिसर में पानी भर जाता है, उसके चलते स्टोर रूम में रखी औषधियां खराब हो जा रही हैं। छत का प्लास्टर भी जगह-जगह से टूटकर गिर रहा है।

इस प्रकरण में प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉक्टर अमितेश कुमार ने बताया कि बरसात में पानी भर जाता है। उसी में खड़े हो कर कार्य करना पड़ता है। औषधियों के चोरी होने के साथ हमेशा हादसे की आशंका भी बनी रहती है। विभाग को अवगत करा दिया गया है।

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