शिक्षक रहते हैं गायब , जब आएंगे तभी कर देंगे हस्ताक्षर
एस एस विश्वकर्मा
पडरौना, कुशीनगर (उ०प्र०)
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहे कितना भी प्रयास कर लें, शिक्षा विभाग को दुरुस्त कर देना इतना आसान नहीं है | इस प्रकार सरकार के द्वारा वेतन पाने वाले लोग अपने कर्तव्य और दायित्व से पीछे हट कर शिक्षा प्राप्त करने आए बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं | और बात जब जिला मुख्यालय रबींद्रनगर की हो , जहां सभी जिला स्तरीय आला अधिकारी मौजूद रहते हैं, तो मामला और भी गंभीर नजर आता है | यहां तैनात शिक्षकों की बात जानकर आप हैरान हो जाएंगे कि दिन में 9:45 तक प्रधानाध्यापिका द्रोपदी सिंह ,सहायक अध्यापक संजय कुमार सिंह ,सहायक अध्यापिका रागिनी ओझा और शिक्षामित्र शालिनी त्रिपाठी उपस्थित थे , और इन्हीं लोगों के हस्ताक्षर उपस्थिति पंजिका पर भी थे | विद्यालय में तैनात शिक्षिका रेनू बाला सिंह ,जिला मुख्यालय पर आयोजित होने वाले खेल को लेकर कई दिनों से तैयारी करवा रही हैं |जबकि सहायक अध्यापिका उर्मिला मौर्य अनुपस्थित थी | अनुदेशक श्रीमती पंकज सिंह भी अनुपस्थित थी |और उससे भी बड़े आश्चर्य की बात यह की प्रधानाध्यापिका श्रीमती द्रौपदी सिंह के द्वारा बचाव करते हुए यह कहा जा रहा था कि सभी लोग आए हैं, केवल उर्मिला मौर्य जी नहीं आई हैं | विद्यालय के पठन-पाठन का कार्य 9:00 बजे शुरू हो जाना है ,जबकि जिला मुख्यालय रविंद्र नगर के विद्यालय पर 10:00 बजे तक कक्षाएं संचालित नहीं हो रही थी | सूत्रों से यह जानकारी मिलती रहती है कि विद्यालय पर तैनात लापरवाह शिक्षकों के द्वारा अनुपस्थिति के बाद भी बाद में आकर उपस्थिति पंजिका पर हस्ताक्षर किया जाता है ,और वेतन लिया जाता है | कहीं न कहीं इसमें संबंधित लोंगो की मिलीभगत या राजनीतिक हस्तक्षेप से इनकार नहीं किया जा सकता | अगर जिला मुख्यालय के विद्यालय का यह हाल है ,तो सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों की क्या स्थिति होगी?
इस संदर्भ में 9:45 से ही बेसिक शिक्षा अधिकारी विमलेश कुमार जी को उनके सरकारी नंबर पर फोन किया गया, परंतु फोन रिसीव नहीं हुआ | इसी प्रकार इसी समय के आसपास खंड शिक्षा अधिकारी अजय कुमार गुप्ता के पास भी फोन किया गया उनके द्वारा भी फोन रिसीव नहीं किया गया | दोपहर बाद बात करने पर श्री गुप्ता ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा की जानकारी नहीं है ,जांच कराई जाएगी |अपने वक्तव्य में प्रधानाध्यापिका भी अनुपस्थित शिक्षकों के बचाव की मुद्रा में नजर आई |सरकार चाहे कोई भी उपाय कर ले सरकारी मंशा को पलीता लगाने वाले लोग पलीता लगाते ही रहेंगे और सरकार की छवि धूमिल करते रहेंगे |
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