स्थानीय नगर निवासी पत्रकार विनोद मद्धेशिया का शुक्रवार को नम आंखों से खेखड़ा घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान काफी संख्या में लोग मौजूद रहे और सभी ने नम आँखी से उनकी अंतिम विदाई दी।
ज्ञात हो कि युवा पत्रकार विनोद कुमार मद्धेशिया ने स्वतंत्र चेतना दैनिक अखबार स्वतंत्र चेतना में सिसवा बाजार से लिखना शुरू किया, उसके बाद वो हिंदुस्तान अखबार में भी अपनी सेवा देने लगे, विगत कुछ सप्ताह पूर्व एक दिन अचानक ही उनकी तबीयत खराब होने के कारण इलाज के लिये गोरखपुर और वहा से फिर लखनऊ ले जाना पड़ा। जहां से वे स्वस्थ होकर वापस आ चुके थे। लेकिन गुरूवार की दोपहर में अचानक तबियत बिगड़ने के कारण उन्हें गोरखपुर में एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। जहाँ पर उनका इलाज चल ही रहा था कि देर शाम को उनका निधन हो गया।
एक युवा पत्रकार के निधन की सूचना सरेआम होते ही क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। जनचर्चा में विनोद मद्धेशिया बेहद मिलनसार और स्वच्छ विचारों वालो थे। वे अपने पीछे अपनी 8 साल की एक पुत्री व 3 साल के बेटे की जिंदगी के बीच मझधार में छोड़कर असमय ही इस दुनिया से चले जाना सबको झकझोर दिया। इनका असमय जाना पत्रकारिता जगत के साथ सामाजिक क्षेत्र में भी काफी क्षति हुई है।
उनकी अन्तिम संस्कार में डा0पंकज तिवारी, शैलेश सुल्तानिया, प्रमोद जायसवाल, रोशन मद्वेशिया, प्रमोद शर्मा, एडवोकेट मनोज केशरी, एडवोकेट प्रशांत कुमार श्रीवास्तव, असलम सिद्दीकी, ओंकार कसेरा, गुफरान अहमद, बलराम मिश्रा, कुंदन सिंह, दिनेश यादव, विकास रौनियार, अरूणेश मद्वेशिया और अनेको पत्रकार और सामाजिक संगठनो सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।
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