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कुशीनगर जनपद में पांच साल में बढ़ा 60 फीसदी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन

कुशीनगर (उ०प्र०)



नोटबंदी के बाद पिछले पांच सालों जिले में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में 60 फीसदी का इजाफा होकर 70 प्रतिशत तक पहुंच गया है। नोटबंदी के दौरान पैदा हुई कैश का किल्लत को दूर करने को ज्यादातर युवा और व्यापारी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को अपना कर कारोबार को आगे बढाने में जुटे हुये हैं। डिजिटल लेने होने से एटीएम पर कार्डधारकों की लंबी लाइन अब गायब हो गई है।

8 नवम्बर 2016 को पूरे देश में नोटबंदी की घोषणा हुई थी। पुराने नोटों के यकायक बंद होने और बाजार में नये नोट नहीं होने के कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। लोगों को एक, पांच दस, बीस, पचास व सौ के नोट से काम चलाना पड़ा। बैंकों में चार से पांच महीने तक कैश की किल्लत बनी रही। पुराने नोट को बदलकर नये नोट लेने के लिए खाताधारकों को लंबी लाइन लगानी पड़ती थी तथा इसके लिए पुलिस की लाठियां भी खानी पड़ी थी। नोटबंदी के दौरान ऑनलाइन ट्रांजेक्शन मामूली लोग करते थे।

उस समय जिले में 10 से 12 फीसदी तक ऑनलाइन ट्रांजेक्शन सीमित रहा। नोटबंदी में पैदा हुई कैश की किल्लत तथा बैंकों द्वारा लगातार डिजिटल लेनदेन को बढावा देने का नतीजा है कि पिछले पांच सालों में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन 60 फीसदी बढकर कुशीनगर में 70 प्रतिशत तक पहुंच गया है। कुल खाताधारकों में करीब 12 लाख खाताधारक ऑनलाइन ट्रांजेक्शन से अपना काम चला रहे हैं। अधिकांश युवा और व्यापारी बैंकों का चक्कर लगाना बंद कर दिये हैं। खाताधारक मोबाइल बैंकिंग, पेटीएम, यूपीआई व इंटरनेट बैंकिंग का उपयोग कर रहे हैं। इसका परिणाम है कि एटीएम से कार्डधारकों की लंबी लाइन गायब हो गई है।

नोटबंदी के बाद जिले में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन बढकर 60-70 फीसदी तक पहुंच गया है। नये युवा बैंक शाखाओं का चक्कर लगाने की जगह डिजिटेल लेनदेन को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं।

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